
राजस्थान में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में नया मोड़ । सीबीआई कोर्ट ने कथित फर्जी एनकाउंटर बताया है । कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल 7 पुलिस कर्मियों पर हत्या की एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है । कोर्ट ने सीबीआई द्वारा फाइल की गयी कलोजर रिपोर्ट को ख़ारिज कर दिया है ।
आनंदपालसिंह के वकील ने कोर्ट में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किये की एनकाउंटर फर्जी था । सबूतों के अनुसार पहले चूरू के गांव मालासर में स्थित ढाणी में घर के बाहर घेरा डाला गया , फिर आनंदपाल को छत पर जाकर सरेंडर करवाया गया , उसके बाद एनकाउंटर कर दिया गया । जिस पुलिस वाले की पिस्तौल से गोली मारी गयी उस पुलिसकर्मी के सीबीआई रिपोर्ट के अनुसार वहां मौजूद होने के कोई सबूत भी नहीं है ।
उक्त आदेश आनंदपाल सिंह की पत्नी राज कंवर द्वारा फाइल की गई याचिका पर आया है । आनंदपाल सिंह मालासर गांव में 24 जून 2017 की रात पुलिस के कथित एनकाउंटर में मारा गया था । पुलिस के अनुसार आनंदपाल सिंह को सरेंडर करने के लिए कहा गया था पर उसने पुलिस पर गोलीबारी करदी जिसकी जवाबी कार्यवाही में वो मारा गया । इस एनकाउंटर को लेकर शव को रखकर 18 दिन तक लाडनूं के सांवराद गांव में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे । राजस्थान सरकार ने फिर इस मामले को सीबीआई को सौंपा था जिसमे सीबीआई ने एनकाउंटर को सही बताते हुए अगस्त 2019 में क्लोजर रिपोर्ट सबमिट कर दी थी ।
कोर्ट ने आनंदपाल सिंह की पत्नी राज कँवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को ख़ारिज कर एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों तत्कालीन एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन डीएसपी विद्या प्रकाश, तत्कालीन इंस्पेक्टर सूर्य वीर सिंह, हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र और सोहन सिंह और कांस्टेबल धर्मपाल, धर्मवीर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है ।