शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी; स्प्रिट से देशी व आरएमएल से अंग्रेजी शराब बनाते, फिर खेत की मिट्टी में दबा देते, ऑर्डर पर बोतल-पव्वे निकालते
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आबकारी पुलिस ने ढाणी ईंयारा में गुरुवार को अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी। अभी यह खुलासा नहीं हो पाया है कि फैक्ट्री कब से चल रही है। मौके से अवैध शराब बनाने के सामान सहित ढक्कन, सील व बोतल आदि जब्त किए। मुख्य आरोपी फरार हो गया जबकि मौके से उसके भतीजे को गिरफ्तार किया गया। खास बात ये है कि अवैध शराब बनाने के बाद पव्वे खेत में मिट्टी खोदकर छिपाकर रखते। ऑर्डर होने या अन्य जगह सप्लाई करने के दौरान मिट्टी खोदकर बोतलें निकालते थे।
सुजानगढ़ आबकारी निरीक्षक कीर्ति सोनी ने बताया कि जिला आबकारी अधिकारी संजीव पटावरी के निर्देशानुसार में उन्होंने व प्रहराधिकारी रतनगढ़ कमल सिंह ने टीम के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया। बुधराम नायक पुत्र हरिराम नायक की ढाणी ईंयारा में दबिश दी गई। तीन दिन पहले सूचना मिली थी कि यहां अवैध शराब की फैक्ट्री चलती है। उसके बाद रैकी करवाकर छापा मारा। खेत में तलाशी लेने पर कई सामान दिखने पर पुष्टि हुई। उसके बाद खेत में जगह-जगह मिट्टी खोदकर नकली शराब निकाली गई।
मुख्य आरोपी के भतीजे सहित ईंयारा के दो अन्य व्यक्ति भी इसमें शामिल
आबकारी पुलिस ने बताया कि आरोपी के भतीजे रतनलाल पुत्र तुलसाराम नायक को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में रतनलाल ने बताया कि ईंयारा गांव में दो अन्य व्यक्ति और शामिल हैं। यहां स्प्रिट से देशी व आरएमएल से अंग्रेजी शराब का निर्माण होना पाया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले भी इसी क्षेत्र सुजानगढ़-रतनगढ़ के बीच अवैध शराब की फैक्ट्री व भारी मात्रा में शराब की बरामदगी की गई थी।
ये सामान जब्त : पुलिस ने खेत में एक पैकिंग मशीन, 20 लीटर स्प्रीट, रॉयल क्लासिक आरएमएल 130 पव्वे, 30 पव्वे आरएसजीएसएम देशी मदिरा, खाली बारदाना में आईबी-एमसीडी के 300 पव्वे, 200 बोतल काउंटी क्लब व काफी मात्रा में अवैध शराब निर्माण में प्रयुक्त आईबी-एमसीडी के पीपी सील बरामद की गई।
क्षेत्र के अंतिम छोर के गांवों में लगाते हैं फैक्ट्री, ताकि पकड़ में नहीं आएं
जिला आबकारी अधिकारी संजीव पटावरी ने बताया कि मामले में जांच कर रहे हैं कि ये फैक्ट्री कब से चल रही है। फैक्ट्री की कड़ी कहां-कहां जुड़ी है व माल सप्लाई होता है। मौटे तौर पर ये अवैध शराब की फैक्ट्री क्षेत्र के अंतिम छोर के अंदर के गांव के खेतों में लगाते हैं।
जैसे ही किसी को भनक लग जाती है, वे जगह बदल लेते हैं। आबकारी की टीमे लगातार नजरे रखती है, लेकिन चोरी छीपे ये ऐसी जगह काम करते हैं, जहां जल्दी से कोई पकड़ में नहीं आ सके। सुजानगढ़ से सीकर की तरफ के अंतिम गांवों व बीदासर से आगे के बेल्ट में ऐसे काम होते हैं।