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*नाबालिग से दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी राकेश लखोटिया की जमानत खारिज , पुलिस परलचर रवैये का आरोप

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*नाबालिग से दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी राकेश लखोटिया की जमानत खारिज*

चूरू. पोक्सो विशेष न्यायालय चूरू ने जिले के साण्डवा गांव में आसाम से खरीदकर लाई नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य अभियुक्त राकेश लखोटिया का
जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है सांडवा थाने में दर्ज रिपोर्ट में नाबालिग ने बताया था कि साण्डवा निवासी राकेश कुमार उसे 10 साल पहले आसाम के लखीमपुर से यहां लाया। अपनी पत्नी के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट व गलत काम करता रहता था। अनेकों बार उसके साथ पत्नी के सहयोग से दुष्कर्म किया। बंधक बनाकर पीटा। चार बार बिना सहमति के गांव के झोलाछाप डॉक्टर से गर्भपात करवाया व बार-बार बेचने की धमकी दी।

*उच्च न्यायालय में भी निष्पक्ष एवं स्वच्छ अनुसन्धान की याचिका है विचाराधीन*
– उच्च न्यायालय में 5 फरवरी को जस्टिस पुष्पेंद्र भाटी की कोर्ट में होगी सुनवाई।
-पुलिस के लचर अनुसंधान को लेकर पीड़िता ने दायर की थी याचिका।
-जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की एकलपीठ ने मामले के अनुसंधान अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में तलब किया था लेकिन अनुसन्धान अधिकारी अनुपस्थित रहे थे।
-उच्च न्यायालय में पीड़िता की ओर से अधिवक्ता प्रमेश्वर पिलानियां व रजाक के. हैदर आपराधिक विविध याचिका में कर रहे हैं पैरवी।

-अधिवक्ता प्रमेश्वर पिलानियां ने बताया कि पुलिस नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध के मामले में भी अनुसंधान के नाम पर औपचारिकता पूरी कर रही है। पुलिस ने अब तक केवल एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि अपराध में और भी कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जिनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस कारण पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध है। पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है।

*सहआरोपियों को बचा रही है पुलिस*
10 साल पहले आसाम से साण्डवा लाई गई नाबालिग ने साण्डवा पुलिस थाने में 9 सितम्बर को सामूहिक दुष्कर्म करने, बंधक बनाकर पीटने व गर्भपात कराने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। मामला पुलिस तक पहुंचने से पहले गांव के मुखिया द्वारा बलात्कार करने वाले  एवं गर्भपात करने वाले पर एक लाख ₹ का जुर्माना लगाकर निपटा दिया गया था लेकिन गांव के युवाओं को मामले का पता चलने पर थाने के सामने प्रदर्शन कर युवाओं ने मामला दर्ज करवाया। रिपोर्ट के अनुसार 3-4 वर्षों पहले भी यह किशोरी अपनी व्यथा लेकर मुखिया के पास आई थी लेकिन मुखिया ने पुलिस को बताने की बजाए पुनः अभियुक्त को सौंप दिया था। पुलिस ने मामला दर्ज करने बाद मुख्य आरोपी राकेश कुमार को तो गिरफ्तार कर लिया जिसका आरोप पत्र किया जा चुका है, लेकिन अन्य सहआरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, नाबालिग का मेडिकल जांच कराने के बाद उसे बालिका गृह में भेजा गया था जी अभी तक बालिका गृह में है।

*नाबालिग की सुरक्षा के लिए अधीक्षक सहित कई अधिकारियों से गुहार*
पीड़िता के अधिवक्ता ने पीड़िता की सुरक्षा का विशेष प्रबंध करने हेतु अधीक्षक, राजकीय बालिका गृह बीकानेर, पुलिस अधीक्षक चूरू और प्रकरण के अनुशंधान अधिकारी को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने प्रार्थना पत्र के माध्यम से न्यायालय को यह भी बताया कि अभियुक्त गणों द्वारा नाबालिग किशोरी की झूठी बहिन बनाकर बालिका गृह से ले जाने का प्रयास किया जा रहा है और उन्होंने निवेदन किया कि मुकदमे का निस्तारण होने तक पीडि़ता को इसी स्थान पर रखा जाए। उसे अन्यत्र कहीं पर भी भिजवाए जाने पर उसकी जान को खतरा हो सकता है।

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