रविवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सैनिक की पांच वर्षीय बेटी ने जब मुखाग्नि दी तो सभी की आंखें
नम हो गई।परिजनों के मुताबिक करणाराम 2003 में सैनिक के पद पर भर्ती हुआ।राजपूताना राइफल्स-20 के अधीन 2013 से 2015 तक जम्मूकश्मीर के सियाचीन ग्लेशियर में ड्यूटी दी। 2016 में सिपाही से लांस नायक पद पर प्रमोशन हो गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पोस्टिंग मिल गई।11 मार्च को होली पर छुट्टी लेकर गांव आया था। दो दिन बाद वापस ड्यूटीपर जाना था लेकिन रात को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। इसके कारण परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांडवा ले गए। लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम करवाकर शव सौंप दिया गया।सलामी के लिए बीकानेर से आए जवान-सूचना मिलने पर बीकानेर से राजपूताना राइफल्स 14 व 20 के जवान साजनसर आए। नायब सूबेदार गिरधारीराम, संजय पूनिया, राइफलमैन रोहिताश सिंह व अन्य सैनिकों ने सलामी दी। बीदासर प्रधान सन्तोष मेघवाल, उप प्रधान महेंद्र लेघा, रामचन्द्र लेघा,मुनीराम सारण, बीदासर राशन डीलर एशोसिएसन के मनोज चौधरी, सरपंच संजय कुमार गोदारा, सरपंच सोहनलाल लोहमरोड, सरपंच पूनाराम मेघवाल आदि मौजूद थे।सैनिक के दो बेटियां-करणाराम के दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अनीता (5) वर्ष तथा छोटी बेटी सुनीता (3) वर्ष की है। करणाराम तीन भाईयों में दूसरे नंबर था। छोटा ओमप्रकाश भी सेना में है। बड़ा भाई किसान है। पत्नी सुमित्र, पिता खीयाराम व माता परमेश्वरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल होरहा है।भगवान शहीद परिवार को इस दु:ख की घड़ी में साहस प्रदान करे।
नम हो गई।परिजनों के मुताबिक करणाराम 2003 में सैनिक के पद पर भर्ती हुआ।राजपूताना राइफल्स-20 के अधीन 2013 से 2015 तक जम्मूकश्मीर के सियाचीन ग्लेशियर में ड्यूटी दी। 2016 में सिपाही से लांस नायक पद पर प्रमोशन हो गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पोस्टिंग मिल गई।11 मार्च को होली पर छुट्टी लेकर गांव आया था। दो दिन बाद वापस ड्यूटीपर जाना था लेकिन रात को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। इसके कारण परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांडवा ले गए। लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम करवाकर शव सौंप दिया गया।सलामी के लिए बीकानेर से आए जवान-सूचना मिलने पर बीकानेर से राजपूताना राइफल्स 14 व 20 के जवान साजनसर आए। नायब सूबेदार गिरधारीराम, संजय पूनिया, राइफलमैन रोहिताश सिंह व अन्य सैनिकों ने सलामी दी। बीदासर प्रधान सन्तोष मेघवाल, उप प्रधान महेंद्र लेघा, रामचन्द्र लेघा,मुनीराम सारण, बीदासर राशन डीलर एशोसिएसन के मनोज चौधरी, सरपंच संजय कुमार गोदारा, सरपंच सोहनलाल लोहमरोड, सरपंच पूनाराम मेघवाल आदि मौजूद थे।सैनिक के दो बेटियां-करणाराम के दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अनीता (5) वर्ष तथा छोटी बेटी सुनीता (3) वर्ष की है। करणाराम तीन भाईयों में दूसरे नंबर था। छोटा ओमप्रकाश भी सेना में है। बड़ा भाई किसान है। पत्नी सुमित्र, पिता खीयाराम व माता परमेश्वरी देवी का रो-रोकर बुरा हाल होरहा है।भगवान शहीद परिवार को इस दु:ख की घड़ी में साहस प्रदान करे।