सांडवा के युवा ने कोरोना वैक्सीन परीक्षण अपने शरीर पर प्रयोग करने के लिए सरकार से किया अनुरोध
साण्डवा के व्याख्याता जुगल किशोर प्रजापति ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखकर कोरोना वैक्सीन के परीक्षण हेतु अपना शरीर प्रयोग करने हेतु के लिए निवेदन किया है ।
जुगल प्रजापति ने पत्र में लिखा है कि ” कोरोना वायरस को इस वैश्विक महामारी में विश्व के कई देशों के साथ अपना देश और प्रदेश भी कोरोना के संकट से जूझ रहा है। दुनिया में प्रतिदिन लाखों लोग इस महामारी से संक्रमित और हजारों लोग बेमौत मारे जा रहे है। ऐसे में अगर कोरोना वायरस की दवा के प्रयोग के लिए प्रदेश के चिकित्सकों को मानव शरीर की आवश्यकता हो जिस पर वैक्सीन का प्रयोग करना चाहते हो तो मैं इस प्रयोग के लिए अपना शरीर देने के लिए मैं तैयार हूं। अगर मुझे ये मौका दिया जाता है तो मैं आपका आभारी रहुंगा और ये मेरा सौभाग्य होगा। अगर वैक्सीन का प्रयोग सफल रहता है तो हमारे चिकित्सक विश्व में करोड़ो लोगो का जीवन बचा सकते है। मानव हित के लिए इससे बड़ा परोपकार कोई नहीं होगा और इस वैक्सीन परीक्षण में मैं मेरे शरीर पर परीक्षण करने की सहमति प्रदान करता हूं। इस परीक्षण में मेरी जान भी जाए तो भी मुझे कोई गम नहीं। मानव हित को सर्वोपरि मानते हुए महोदय अगर मुझे ये मौका दिया जाता है तो मैं सदैव आपका आभारी रहुंगा। “
जुगल प्रजापति जो कि पेशे से व्याख्याता है और वह पर्यावरण व सामाजिक हितों के लिए हमेशा से ही आगे आते रहे है । इसी क्रम में आज इन्होंने अपने शरीर पर कोरोना वैक्सीन के शोध व परीक्षण के लिए पत्र लिखकर मानवता के लिए एक अकल्पनीय मिशाल पेश की है ।