मुख्यमंत्री गहलोत की प्रदेशवासियों से अपील
खतरनाक साबित हो रही है कोरोना की दूसरी वेव
प्रिय प्रदेशवासियों,
पूरी दुनिया, हमारा देश एवं प्रदेश कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। इस वर्ष फरवरी एवं मार्च में कोरोना के मामलों में काफी कमी आने के कारण सभी यह मानने लगे कि शायद कोरोना जा रहा है। लेकिन अचानक कोरोना की नई लहर आई और इस महामारी ने आक्रामक रूप ले लिया है।
सभी विशेषज्ञ लगातार आगाह कर रहे थे कि इतिहास में ज्यादातर महामारियों की दूसरी और तीसरी लहर भी आई है जो पहली लहर से कहीं ज्यादा घातक सिद्ध हुई एवं कोरोना भी इसका अपवाद नहीं होगा और विशेषज्ञों की यह बात सही साबित होती दिख रही है। आज देश और प्रदेश में भी कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है। हालात यह है कि राजस्थान में अप्रैल माह के 15 दिनों में ही कोरोना के प्रतिदिन मामलों एवं प्रतिदिन मृत्यु संख्या ने 2020 के सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। बीते एक साल में एक दिन के अधिकतम आंकड़े की तुलना में अब लगभग दोगुने कोरोना के केसेज प्रतिदिन आने लगे हैं।
कोरोना से बचने के लिए बीते एक वर्ष में सरकार ने व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान तथा जन आन्दोलन चलाए । प्रचार की गति और भी बढ़ाई गई है। लेकिन प्रतीत होता है कि कोरोना के प्रति लोगों का डर बेहद कम हो गया है एवं उन्होंने सावधानियों का पालन भी करना बंद कर दिया है। देश के कुछ राज्यों में हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि वहां अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे, ऑक्सीजन की कमी हो गई एवं एम्बुलेंस की कतारें लग गईं। यहां तक कि मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशानों में स्थान कम पड़ रहा है एवं उनका खुले में दाह संस्कार करना पड़ रहा है। यह हृदय विदारक एवं बेहद चिंताजनक है।
आमजन की जीवन रक्षा सरकार का सर्वोच्च कर्त्तव्य है। दूसरे प्रदेशों जैसी भयावह स्थिति राजस्थान में ना बने इस हेतु सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। हमारा प्रयास है कि लोगों की जान बचाई जा सके और आजीविका भी चलती रहे इसलिए अभी सम्पूर्ण लॉकडाउन ना कर पाबंदियां बढ़ाई गई है। प्रदेश में शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। सभी बाजार शाम 5 बजे बन्द किए जाएंगे। सभी शैक्षणिक संस्थानों यथा स्कूल, कॉलेज, कोचिंग एवं लाइब्रेरी आदि को बन्द रखा जाएगा। ऑनलाइन क्लासेज जारी रह सकेंगी। विवाह समेत सभी निजी आयोजनों में 50 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे। धार्मिक स्थलों की जगह घर पर पूजा, इबादत, अरदास, प्रेयर की जाएगी। 14 अप्रैल को गृह विभाग द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस की हर स्थान पर सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाएगी। गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान आमजन, धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक संगठनों ने राजस्थान सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया। इस कारण हमारा कोविड प्रबंधन शानदार रहा एवं इसे देश में एक मॉडल के रूप में सराहा गया।
समय की मांग है कि एक बार पुनः सभी एकजुट होकर उसी संकल्प के साथ सभी सावधानियों और सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करें। सरकार आमजन के साथ कोई सख्ती नहीं करना चाहती है लेकिन गाइडलाइंस का उचित तरीके से पालन नहीं हुआ तो आमजन के हित में सख्त कदम उठाने के अलावा सरकार के पास कोई रास्ता नहीं बचेगा। हमें यह एहसास है कि थोड़े समय के लिए नागरिकों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, परंतु हमें यह नहीं भूलना है कि ‘जान है तो जहान है’। आगामी दो-तीन हफ्ते हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे। कुछ समय की सावधानी हमें किसी संभावित पश्चाताप से बचा सकती है एवं थोड़ी सी लापरवाही अपनी एवं अपनों की जान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
अशोक गहलोत मुख्यमंत्री राजस्थान