जिला कलेक्टर ने की फर्जी गोशाला पर कार्यवाही, जुगल प्रजापति की शिकायत पर कार्यवाही
पर्यावरण कार्यकर्ता की व्हाट्सप पर शिकायत से जिला कलेक्टर ने की छुट्टी के दिन ही कार्यवाही।
सांडवा- गांव में वर्षो से चल रही फर्जी गौशाला एवं गौ चिकित्सा केंद्र श्री राधेकृष्ण गौ सेवा समिति पर जिला कलेक्टर सांवरमल वर्मा ने छुट्टी के दिन भी कार्यवाही कर यह साबित कर दिया कि जिम्मेदार प्रशासन हो तो व्यवस्थाओ में सुधार किया जा सकता है।गौरतलब है कि कातर निवासी मूलचन्द नाई जो सांडवा गांव में फर्जी गौशाला का संचालन करता था क्षेत्र से गायो के इलाज के नाम पर राशि लेकर गायो को सांडवा अपनी तथाकथित गौ चिकित्सा केंद्र में लाकर 1-2दिन रखकर गाँव में तड़प कर मरने के लिए छोड़ देता था।
इस बारे में गाँव के पर्यावरण कार्यकर्ता प्रोफेसर जुगल प्रजापति ने स्थानीय पंचायत प्रशासन को अवगत कराते हुए 6 महीने पहले गाँव के युवाओं के नेतृत्व में स्थानीय पंचायत प्रशासन के सरपंच संजय कुमार मेघवाल,उपसरपंच शिवशंकर पारीक, महेश तिवारी, नरपत गोदारा,गोविंद नाई, संदीप गोदारा आदि को बुलाकर सोनियासर निवासी राजुनाथ सिद्ध द्वारा भेजी गाय को वार्ड नंबर 1 में तड़पती हुई हालत में दिखाया था।फिर युवाओ द्वारा विरोध होने पर स्थानीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा गौशाला संचालक मूलचन्द नाई को फर्जी गौशाल बन्द करने के लिए कहा गौशला संचालक ने 15 दिन का समय मांगा लेकिन फर्जी गौशाला बन्द नही हुई। जुगल प्रजापति ने मूक पशुओ को अन्य गांवों से ईलाज के नाम पर सांडवा में लाकर उनको तड़पकर मरता हुआ छोड़ देने की बात स्थानीय पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाई लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियो ने ध्यान नही दिया।6 महीने बाद रविवार की सुबह 10 बजे पर्यावरण प्रेमी जुगल प्रजापति ने जिला कलेक्टर सांवरमल वर्मा को पूरी घटना की जानकारी का व्हाट्सप पर सन्देश भेजा।कलेक्टर ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित कर जांच करने के लिए भेजा ।सांडवा की फर्जी गौशाला में जांच टीम पहुंची और गौवंश को मुक्त करवाया। गायो को तुरन्त ही सांडवा,बीदासर, छापर की अनुदानित गौशाल में शिफ्ट करवा दिया गया।
जांच टीम में तहसीलदार अमीलाल यादव,डॉक्टर गोविंद कारगवाल,अनिल चौधरी मौजूद रहे।
जनप्रतिनिधियों सहित अन्य युवा भी मौजूद। कलेक्टर द्वारा भेजी गई जांच टीम की सूचना मिलने पर सांडवा के उपसरपंच शिवशंकर पारीक,नरपत गोदारा,केशर जाखड़,लालचन्द सोनी,गौरीशंकर देरासरी, दामोदर माली, संदीप गोदारा,जुगल किशोर आदि पहुँचे । गौशाला संचालक मूलचन्द नाई द्वारा लिखित में माफी मांगी गई।