रतनगढ़. ।
कस्बे से चार किमी दूर सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे भगत की कोठी-दिल्ली सरायरोहिल्ला ट्रेन 14706 के इंजन में अचानक आग लग गई। इंजन में आग लगी देखकर यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। ट्रेन के चालक जोधपुर निवासी सत्यनारायण की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।
चालक ने बताया कि रतनगढ़ से चार किमी पहले मोड़ पर मुड़ते समय ट्रेन के इंजन में आग लगने के संकेत मिले। इंजन को आग की लपटों से घिरता देख कर इसे तुरंत ट्रेन से अलग कर दिया। आगे हल्का सा चलाकर छोड़ते हुए वह नीचे कूद गया।
इंजन के रुकने पर चालक ने पास से दो अग्निशमन सिलेंडर से आग बुझाने का प्रयास किया। बाद में ट्रेन में से आठ सिलेंडर और मंगवा लिए।
रेलवे के अभियंताओं व अधिकारियों को फोन किए। सूचना पर रेलवे के डिवीजन इंजीनियर विक्रम मीणा, रेलवे के संवेदक अशोक सारस्वा पिकअप लेकर मौके पर पहुंचे।
यात्रियों के सहयोग से आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए गए। सूचना मिलने पर करीब पौन घंटे बाद नगरपालिका की दमकल पहुंची। तब तक लोगों ने इंजन से उठ रही आग की लपटों पर काबू पा लिया।
इंजन जल गया। स्टेशन अधीक्षक राजेश संतलानी, जीआरपी व आरपीएफ थाना प्रभारी मय स्टाफ ने दूसरा इंजन मंगवाकर जले इंजन को जोड़कर स्टेशन पर पहुंचाया।
मौके पर अटकी भगत की कोठी-दिल्ली सरायरोहिल्ला ट्रेन को दूसरे इंजन से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। इस दौरान सैकड़ों लोग पैदल ही सड़क पर पहुंचकर गंतव्य की ओर रवाना हो गए।
पैसेंजर-ट्रेन के इंजन से किया रवाना
स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक भगत की कोठी-दिल्ली सरायरोहिल्ला ट्रेन को स्टेशन पर खड़े बीकानेर-रतनगढ़ पैसेंजर ट्रेन के इंजन से जोड़कर दिल्ली सरायरोहिल्ला के लिए रवाना किया गया।
हादसे के कारण टे्रन को 2.20 मिनट की देरी से शाम 6.05 बजे रवाना किया जा सका। उधर चूरू से पहुंची ट्रेन 04852 चूरू- मेड़ता स्पेशल पैसेंजर ट्रेन 1.15 मिनट देरी से रवाना हो सकी।