शांति और सद्भाव का नहीं कोई विकल्प : नायक
जिला कलक्टर संदेश नायक की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक
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जिला कलेक्टर संदेश नायक की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक |
चूरू, 08 नवम्बर। जिला मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर संदेश नायक की अध्यक्षता एवं जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम
की उपस्थिति में कलक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार शाम हुई जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक में उपस्थित सभी समुदायों के सदस्यों ने एक स्वर में अयोध्या मसले के संबंध में उच्च न्यायालय के संभावित फैसले का सम्मान करने की बात करते हुए कहा कि आपसी सद्भाव व शांति का कोई विकल्प नहीं है।
जिला कलक्टर संदेश नायक ने कहा कि हम सभी की यह कोशिश रहनी चाहिए कि जिले में आपसी भाईचारा बना रहे तथा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना यहां घटित नहीं हो। उन्होंने समिति सदस्यों से कहा कि वे अपने समूह में प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए लोगों को समझाएं तथा कोशिश करें कि किसी प्रकार की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया या अन्य किसी मंच पर नहीं आए। उन्होंने कहा कि जिले में पुलिस एवं प्रशासन की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं और किसी प्रकार की अवांछित गतिविधि के बर्दाश्त नहीं किया जाएगा लेकिन फिर भी हमें यह प्रयास करने चाहिए कि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा ही नहीं हो। यदि किसी प्रकार की गलत हरकत किसी के भी पकड़ में आए तो पूर्व में ही पुलिस व प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा कि चूरू जिले का इतिहास शांति-सद्भाव का रहा है और सभी समुदाय आपसी भाईचारे से रहते आए हैं, यही पहचान कायम रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है कि विभिन्न संगठनों के सदस्य उन्हें मैसेज कर रहे हैं कि चाहे फैसला कुछ भी आए, वे फैसले का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार के अवांछित कमेंट पर समुचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर किसी जाति, संप्रदाय, राज्य या व्यक्ति के प्रति अशोभनीय टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला कलक्टर ने समिति सदस्यों से बातचीत कर फीडबैक लिया और कहा कि वे पुलिस-प्रशासन व जनता के बीच कड़ी का काम करें। मामलों को आपसी बातचीत व संवाद से सुलझाने का प्रयास करें। सोशल मीडिया पर आने वाली अफवाहों से बचें, उनका काउंटर करें। लोगों के सामने सही स्थिति रखेंं। जाति एवं धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले मैसेज फॉरवर्ड नहीं करें। छुटपुट घटनाएं अनावश्यक बड़ा रूप नहीं लें, इसके लिए समझाइश एवं नियंत्रण का काम करें। बातचीत से भी बहुत से मुद्दे निपट सकते हैं। किसी घटना का पूर्वाभास होने पर तत्काल पुलिस व प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उपखंड स्तरीय शांति समिति की बैठक लें और समुचित इंतजाम सुनिश्चित करें।
एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी प्रकार के आपत्तिजनक व्यवहार के लिए पुलिस कंट्रोल रूम पर शिकायत भेजी जा सकती है। गौतम ने कहा कि शांति समिति सदस्यों और जिम्मेदार लोगों का यह दायित्व है कि समाजकंटकों को अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं होने दें। कोई चिंगारी आग नहीं बने, इसमें शांति समिति की बड़ी भूमिका हो सकती है। वाट्सएप्प ग्रुप, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार का गलत कमेंट आने पर सूचित करें। माहौल बिगाड़ने का प्रयास किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक में एसीईओ डॉ नरेंद्र चौधरी, एसडीएम गौरव सैनी, अर्पिता सोनी, इंद्राज सिंह, रीना छिंपा, श्योराम वर्मा, मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद अली खां, मोहम्मद हुसैन निर्वाण, संजय सोनी, इमीलाल प्रजापत, विवेक पोद्दार, मोहर सिंह ज्याणी, शहर कोतवाल नरेश गैरा, पूसाराम छापर, सुरेंद्र सिंह भालेरी, सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, शांति समिति सदस्य मौजूद थे।
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